भारतीय जन संचार संस्थान

भारतीय जन संचार संस्थान

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सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 (1860 का XXI) के तहत सोसायटी के रूप में पंजीकृत भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) 17 अगस्त, 1965 को अस्तित्व में आया। संस्थान की स्थापना पत्रकारिता, मीडिया और जनसंचार के क्षेत्रों में शिक्षण, प्रशिक्षण और अनुसंधान करने के मूल उद्देश्य से की गई थी। आईआईएमसी का मुख्यालय नई दिल्ली में है और इसके 05 क्षेत्रीय कैंपस महाराष्ट्र, मिजोरम, केरल, ओडिशा और संघ राज्य क्षेत्र जम्मू और कश्मीर में स्थित हैं।

आईआईएमसी को इसके पांच क्षेत्रीय कैंपस के साथ 31.01.2024 को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की सलाह पर शिक्षा मंत्रालय द्वारा एक मानद विश्वविद्यालय के रूप में अधिसूचित किया गया था।

आईआईएमसी आधुनिक समय में तेजी से बढ़ते और बदलते हुए मीडिया उद्योग की विविध और चुनौतीपूर्ण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कई विशेष पाठ्यक्रम संचालित कर रहा है। भारतीय सूचना सेवा के अधिकारियों को प्रशिक्षण देने के अलावा, संस्थान प्रिंट पत्रकारिता (अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू, उड़िया, मराठी और मलयालम), रेडियो और टीवी पत्रकारिता तथा विज्ञापन और जनसंपर्क में कई स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित करता है।

संस्थान एशियाई, अफ्रीकी, लैटिन अमेरिकी और पूर्वी यूरोपीय देशों के मिड लेवल के पत्रकारों के लिए विकास पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा भी संचालित करता है, जिसे कोलंबो योजना स्कीमों के आईटीईसी, एससीएएपी और टीसीएस के तहत विदेश मंत्रालय द्वारा प्रायोजित किया जाता है। केंद्र और राज्य सरकारों के साथ-साथ सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों के विभिन्न मीडिया, प्रचार और ऑपरेशनल संगठनों में काम करने वाले संचार पेशेवरों की लगातार बढ़ती प्रशिक्षण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक सप्ताह से लेकर चार सप्ताह तक के कई विशेष अल्पकालिक पाठ्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।

यह संस्थान न केवल भारत की आवश्यकताओं के लिए बल्कि अन्य विकासशील देशों की आवश्यकताओं के लिए भी उपयुक्त सूचना संरचना के निर्माण और सुदृढ़ीकरण में योगदान देने के लिए निरंतर प्रयास करता है। आईआईसी केंद्र और राज्य सरकारों, सीपीएसयू, विश्वविद्यालयों आदि से प्राप्त अनुरोधों के उत्तर में अन्य संस्थानों को अपनी विशेषज्ञता और परामर्श सेवाएं प्रदान करता है।